top of page
Writer's picturemonicanived

Poem: छोड़ दो अपनी मर्ज़ी से।

Updated: Jul 18, 2021



छूटना है लाज़मी

छोड़ दो अपनी मर्ज़ी से

कब तक पकड़ कर रखोगे!

कुछ तो जाएगा ही

क्यूँ ना तुम ही पहल कर लो

छोड़ दो अपनी मर्ज़ी से।


संसार को पकड़ोगे तो परमात्मा छूट जाएगा

पैसे को पकड़ोगे तो समय छूट जाएगा

शिकायतें संभालोगे तो चैन छूट जाएगा।

कुछ तो जाएगा ही

क्यूँ ना तुम ही पहल कर लो

छोड़ दो अपनी मर्ज़ी से।


क्यूँ चिंता करते हो

उसकी जो छूट जाएगा

देखो क्या है यहाँ

इसी वक़्त सब मौजूद है।

आगे की सोचोगे

तो ये लम्हा छूट जाएगा।


पकड़ो वो जो तुम्हें भाए

दूसरों ने सिखाया जाने दो उसे।

कब तक सोओगे

अब तो जाग जाओ!

कुछ तो छूटना ही है

क्यूँ ना तुम ही पहल कर लो

छोड़ दो अपनी मर्ज़ी से।











34 views0 comments

Comments


bottom of page